मेक इन इंडिया:- देश को आत्मनिर्भर बनाने तथा रोजगार सृजन एवं आर्थिक शक्ति के रुप में पहचान दिलाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा 'मेक इन इंडिया' कार्यक्रम 25 सितम्बर, 2014 को किया गया। इस कार्यक्रम से देश के प्रति गहन सोच दिखाई देती है। मेक इन इंडिया कार्यक्रम का उद्देश्य भारत को भारी उद्योगाें तथा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों पर ध्यान केन्द्रित करने के साथ-साथ रोजगार सृजन करना है। इसके लिये निवेश की आवश्यकता होगी। इसी कारण प्रधानमंत्री जी ने एफडीआई पर जोर दिया है और उसके फर्स्ट डेवलप इंडिया कहा है। इसका असर भी देखने को मिल रहा है। पिछले वर्ष की तुलना में 48 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
भारत युवाओं का देश है। इस देश की लगभग 80 करोड़ आबादी 35 वर्ष से कम आयु की है। इन सभी के लिये रोजगार सृजित करना सरकार की जिम्मेदारी है। एक सर्वे के मुताबिक भ्ाारत में 15 करोड़ युवा बेराजगार है। चूंकि भारत में छिपी बेरोजगारी पायी जाती है इसलिये ये आकड़े और भी बढ़ सकते है।
जब उद्योग भ्ाारत में लगाये जायेगे तो जाहिर सी बात है कि कच्चे माल की आवश्यकता पड़ेगी। इससे भारत में खनन बढ़ेगा और रोजगार के अवसर बढ़ेगा। हम जानते है कि जिस देश में सर्वाध्िाक निवेश होता है वह उतना ही ज्यादा आर्थिक रुप से मजबूत होता है। निवेश प्राप्त करना भारत के लिये बहुत कठिन है। यहां पर राजनीतिक हस्तक्षेप, अप्रसांगिक कानून इसे और जटिल बना देते है। पास्को प्लांट तथा पं बंगाल में टाटा का प्लांट इसका प्रमुख उदाहरण है। निवेशक वही निवेश करता है जहां उसे विश्वास हो कि उसकी पूजी सुरक्षित रहेगी। विश्व व्यापार जगत भारत की अर्थव्यवस्था को अभी हाथी की नजर से देखता है। जो विशाल तो है लेकिन सुस्त गति से चलती है। इसलिए मेक इन इंडिया का लोगो 'सिंह' रखा गया है जो भारत का राष्ट्रीय पशु है आैर जोशीला तथा फुर्तीला भी है।
मेक इन इंडिया के तहत भारत को विर्निमाण का हब बनाना है। चीन तथा जापान इसी के कारण विश्व की ताकतवर अर्थव्यवस्थाआें मे से एक है। वहां पर हर घर में विर्निमाण हो रहा है। जब भारत में खुद विर्निमाण होगा इससे रोजगार बढ़ेगा और गरीबी दूर होगी। लोगो की क्रय शक्ति समता (पीपीपी) बढ़ेगी। मेक इन इंडिया के तहत केंद्रीय सरकार आटोमोबाइल, रेलवे, केमिकल, रक्षा आदि में निवेश को आकर्षित करने का प्रोत्साहन दे रही है। इससे निर्यात को बढ़ावा मिलेगा।
मेक इन इंडिया का उद्देश्य भारत को एक आर्थिक राष्ट्र के रुप मे स्थापित करना है। इससे रोजगार बढ़ेगा तो सब्सिडी का भार कम होगा। जिससे राजकाेष में बढोतरी होगी और बचे पैसो का अन्य योजनाओं में निवेश्ाित किया जा सकेगा।
मेक इन इंडिया
Reviewed by TEAM 1
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September 15, 2016
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