Recent Post

MUGHAL DYNASTY PART-2

मुगल साम्राज्‍य के अर्न्‍तगत हम शेरशाह सूरी का भी अध्‍ययन करते है।
शेरशाहसूरी:-
  • शेरशाह का वास्‍तविक नाम 'फरीद खॉं' था। शिकार के दौरान फरीद ने एक शेर कोतलवार के एक ही वार से मार दिया। उसकी इस बहादुरी से प्रसन्‍न होकर बहार खॉं लोहानी  ने उसे 'शेरखॉं' की उपाधि दी।
  • 1539 में  वाैसा का, 1540 में बिलग्राम या कन्‍नौज युद्ध जीतने के पश्‍चात वह दिल्‍ली की गद्दी पर बैठा।
  • शेरशाह ने 1542 में मालवा, 1543 में रायसीन पर विजय प्राप्‍त की।
  • कालिंजर का अभियान (1545) में गांलो के विस्‍फोट से उसकी मृत्‍यु हो गयी।
  • शेरशाह ने सिन्‍धु नदी से बंगाल तक शेरशाह सूर मार्ग का निर्माण कराया जिसे ग्राण्‍ड ट्रक रोड कहा जाता है।
  • किसानो को शेरशाह के शासनकाल में 'जरीबाना' या सर्वेक्षण शुल्‍क व 'महासिलाना' या कर संग्रह शुल्‍क भी देना पड़ता था।
  • शेरशाह का मकबरा सहसराम(बिहार) में है।
  • शरशाह को चार मन्‍त्रालयों द्वारा सहायता प्राप्‍त होती थी जिसको दीवाने वजारत, दाीवाने आरिज, दीवाने रसालात, और दीवाने इंश्‍ा के नामसे पुकारा जाता था।
  • शेरशाह के समय में प्रान्‍त सरकारेां में बटे थे। सरकार के दो प्रमुख अधिकारी मुंसिफे-मुंसिफान या प्रधान मुंसिफ और शिकदारे-शिकदारान या प्रधान शिकदार थे।
  • पैदावार का एक तिहाई भाग सरकारी मालगुजारी निश्‍चित की  गयी।
  • शेरशाह ने चॉंदी का सिक्‍के निकलवाये जिन्‍हें ''दाम'' कहते थ्‍ो। यह 180 ग्रेन का होता था जिसमें 175 ग्राम विशुद्ध चॉंदी थी।

अकबर (1556-1605)
  • अकबर का जन्‍म 15अक्‍टूबर 1542 में अमरकोट के राणा बीरसाला के महल में हुआ।
  • 14 फरवरी, 1556 को उसका राज्‍यरोहण हुआ।
  • पानीपत के दूसरे युद्ध (5 नवम्‍बर 1556) मे उसने मुहम्‍मद आदिलशाह के प्रधानमंत्री हेमू को परास्‍त किया और दिल्‍ली व आगरा में अधिकार कर लिया।
अकबर की विजय एवं अधीनता स्‍वीकार
  • 1561में मालवा प्रान्‍त पर विजय प्राप्‍त हुई यहॉं का शासक बाजबहादुर था
  • 1562 में अकबर ने पहली बार शेख मुइनुद्दीन चिश्‍ती की दरगाह की यात्रा की। रास्‍ते में आमेर के राजा भारमल से उसकी भेट हुई। यह पहला राजपूत था जिसने उसकी आधीनता स्‍वीकार की।
  • 1562 में मेरटा पर विजय प्राप्‍त की।
  • 1564 में गोण्‍डवाना पर विजय प्राप्‍त की। जहॉं परम तेजस्‍वी रानी दुर्गावती राज्‍य करती थी।
  • 1567-68 में चित्‍तौड़ पर विजय प्राप्‍त की।
  • 18 मार्च, 1569 के दिन रणथम्‍भौर का दुर्ग मुगलो को अर्पित कर दिया गया।
  • 1569 में कालिंजर का पतन हुआ।
  • 1570 में जोधपुर और जयपुर से शासको ने उसकी आधीनता स्‍वीकार कर ली।
  • 1572 में गुजरात के शासक मुजफ्फरशाह ने अकबर का कोई विरोध न  करके  आत्‍मसमर्पण कर दिया।
  • 1585 में गुजरात मुगल राज्‍य में शामिल कर लिया गया।
  • 1574 में विहार और 1576 में  बंगाल पर विजय प्राप्‍त कर ली।
  • 18 जून 1576 को महाराणा प्रताप व अकबर की सेना  के मध्‍य हल्‍दी घाटी का युद्ध हुआ जिसमें अकबर विजयी रहा। अकबर की सेना का नेतृत्‍व मानसिंह और आसफ खॉं कर रहे थे।
  • 1581 में काबुल पर विजय प्राप्त की।
  • 1585 में कश्‍मीर, 1592 में उड़ीसा 1595 में ब्‍लूचिस्‍तान एवं कंधार पर विजय प्राप्‍त की गई।
  • 1600 में अहमदनगर पर अधिकार कर लिया गया।
  • 1601 में असीरगढ का किला जीत लिया गया।
  • अकबर ने आगरा के समीप फतेहपुरसीकरी नगर बसाया  तथा सभी धर्मो में सामंजस्‍य स्‍थापित करने हेतु 1582   में ''दीन-ए-इलाही'' धर्म प्रवर्तित किया।
  • 1571 मे अकबर ने फतेहपुर सीकरी को अपनी राजधानी बनाया। और 1583 में एक नया कैलेण्‍डर ''इलाही संवत्''जारी किया।
  • अकबर ने मनसबदारी व्‍यवस्‍था जारी की इस कर प्रणाली को ''जब्‍ती व्‍यवस्था'' के नाम से भी जानाजाता है। यह मंगोल नेता चंगेज खॉं की ''दशमलव प्रणाली'' पर आधारित थी।
अकबर के दरबार के नौरत्‍न:-
  1. बीरबल:- बचपन का नाम महेश दास  तथा प्रथम व अन्‍तिम हिंदू राजा, जिसने दीन-ए-इलाही धर्म स्‍वीकार किया। युजुफजईयों के विद्रोह के दबाने के लिये गये बीरबल युद्ध में मारे गये।
  2. अबुल फजल:- दीन-ए-इलाही धर्म का मुख्‍य पुरोहित था। उसने अकबरनामा एवं आइनेअकबरी जैसे ग्रन्‍थ की रचना की।
  3. टोडरमल:- टोडरमल भूमि सुधार के जनक के रुप में जाने जाते है।
  4. तानसेन- ध्रुपद शैली का विकास हुआ। महान संगीतकार थे।
  5. रहीम:- बैरम खॉं के पुत्र ने तुर्की भाषा में लिखी 'बाबरनामा' का फारसी में अनुवाद किया। गुजरात जीतने के पश्‍चात अकबर ने इन्‍हें ''खानेखाना'' की उपाधि प्रदान की।
  6. मानसिंह:- काबुल, बिहार, बंगाल आदि प्रदेशो का सफल सैनिक अभियान किया।
  7. मुल्‍ला दो प्‍याजा:- अरब का निवासी था हुमायू के समय भारत आया था। इसे प्‍याज पसंद थी इसलिये अकबर ने इसे ''दाेप्‍याजा'' की उपाधि दे दी।
  8. हकीम हुमाम:- प्रधान रसोईघर का।
  9. फैजी:- यह अकबर के दरबार में ''राजकवि'' के  पद पर आसीन था। यह दीन-ए-इलाही धर्म का कट्टर विरोधी था।
MUGHAL DYNASTY PART-2 MUGHAL DYNASTY PART-2 Reviewed by TEAM 1 on March 21, 2015 Rating: 5

No comments:

Powered by Blogger.