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MUGHAL DYNASTY PART-1




भारतीय इतिहास में मुगल साम्राज्‍य का बहुत महत्‍व है और आजकल प्रतियोगियोगी परीक्षाओं में इससे संबंधित प्रश्‍न काफी मात्रा में पूछे जाते है। इसलिए हमने मुगल साम्राज्‍य के बारे में पोस्‍ट करने का फैसला किया है। हमे उम्‍मीद है कि आपको यह पोस्‍ट पसंद आयेगी । हमे  पता है कि इतिहास पढने मे सभी को आनन्‍द नहीं आता है और ज्‍यादा पढ़ने से बोरिंग लगने लगता है। इसलिए हमने इस अध्‍याय को कई भागों में विभाजित किया है जिसके अंर्तगत हम एक बार में दो शासक के बारे में पढ़ेंगे।

आप अपनी बहुमूल्‍य टिप्‍पठी अवश्‍य करे ।


              मुगल साम्राज्‍य (1526.1707)

  बाबर (1526- 1530)
Ø  बाबर का जन्‍म 14 फरवरी 1483 ई को फरगना में हुआ था।
Ø  बाबर पिता की ओर से तैमूर तथा माता की ओर से चंगेज खॉं का वशँज था।
Ø  बाबर का भारत के विरुद्ध किया गया प्रथम अभियान युसुफजाई जाति के विरुद्ध था।
Ø  1520 ई में उसने भारत पर आक्रमण के लिए तीसरा अभियान किया।
Ø  1526 में पानीपत के प्रथम युद्ध में बाबर ने पहली बार प्रसिद्ध तुलुगमा युद्ध नीति एवं तोपखानें का प्रयेाग किया तथा 1529 में इब्राहीमलोदी के भाई को घाघरा के युद्ध में हराया।
Ø  1527 में बाबर ने मेवाड़ के राजा राणा सांगा को खानवा के युद्ध में पराजित कर दिया तथा 1529 में इब्राहीम लोदी के भाई को घाघरा के युद्ध मे पराजित किया।
Ø  भारतीय इतिहास में बारुद का प्रयोग सर्वप्रथम बाबर ने ही किया था ।
Ø  बाबर ने तुर्की भाषा में अपनी आत्‍मकथा 'बाबरनामा' की रचना की जिसका बाद में फारसी भाषा में अनुवाद अब्‍दुर्ररहीम खानखाना ने किया।
Ø  बाबर को 'मुंबइयान' नामक पद्य शैली का जन्‍मदाता माना जाता है।


हुमायॅू (1530-1556)



Ø  30 दिसम्‍बर 1530 को हुमायू का राज्‍यरोहण किया गया।
Ø  साम्राज्‍य को अपने भाई और चचेरे भाईयों में विभाजित कर उसने पहली भूल की।
Ø  1531 के कालिंजर अभियान में राजा से जन-धन की हानि का मुआवजा लेने में वह सफल रहा।
Ø  1553 में हुमायूं ने दिल्‍ली में दीन पनाह नामक विशाल दुर्ग का निर्माण करवाया।
Ø  शेरशाह ने चौसा के युद्ध(1539 ई ) में हुमायू को पराजित किया।
Ø  1540 में कन्‍नौज युद्ध में शेरशाह ने पुन: हुमायू को पराजित किया।
Ø  अपने निर्वासन काल (1540-1555) में हुमायूं ने ईरान के शाह के यहां शरण ली। 1555 में उसे वापस लौटने का मौका मिला तथा उसने बैरम खान की मदद से अफगानों को हराकर पुन: दिल्‍ली का सिंहासन    हासिल कर लिया ।
Ø  1556 में  दीनपनाह भवन में स्‍थित पुस्‍तकालय की सीढ़ियों से गिरने के कारण मृत्‍यु हो गयी।
Ø  हुमायू की सौतेली बहन गुलबदन बेगम ने हुमायूनामा लिखी।

आगे के शासको का वर्णन अगले पोस्‍ट में किया जायेगा।

MUGHAL DYNASTY PART-1 MUGHAL DYNASTY PART-1 Reviewed by TEAM 1 on March 20, 2015 Rating: 5

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