प्रिय पाठको आपका कम्पटीशनगाइडर डाट काम पर स्वागत है। इस पोस्ट में स्टेनो एग्जाम 2016 के स्क्िल टेस्ट के लिये एक आडियो क्लिप तथा उसका ट्रांसक्रिप्शन पोस्ट कर रहे है।
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सभापति महोदय, आपने मुझे बजट पर विचार रखने का समय दिया, मै इसके लिए आपको धन्यवाद देता हूँ। मैं टंडन जी का बहुत सम्मान करता हूं, उन्होंने कहा यूपीए सरकार का सिंहासन हिल रहा है। मैं उन्हें बताना चाहूंगा कि जिस आसन पर सिंह बैठता है, वह हिलता नहीं, बल्कि उस आसन का सम्मान बढ़ता है। डा. मनमोहन सिंह, जो हमारे देश के प्रधानमंत्री हैं, आज वह यूपीए सरकार के सिंहासन पर बैठे है तो स्वयं प्रधानमंत्री की छवि इस देश और विदेश में बढ़ी है तो स्वयं प्रधानमंत्री की छवि इस देश और विदेश में बढ़ी है, जिसका श्रेय हमारे प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह जी को जाता है। लड़खड़ाती और अनिश्चित जो अंतर्राश्ट्रीय अर्थव्यवस्था है और जो आचात करने वाले दाम इस वक्त बढ़े हुए हैं, इसके बावजूद प्रधानमंत्री जी और वित्त मंत्री जी को इसका श्रेय देना चाहिए कि विकास दर बढ़ रही है और वित्तीय घाटा कम हो रहा है। आज हमारे देश में कृषि का उत्पादन बढ़ा है, उद्याेगों का उत्पादन बढ़ा है और हम जो निर्यात करते हैं, वह निर्यात आज 26 परसेंट बढ़ा है। यह सरकार की दूरदृष्टि है कि गांधी जी का सपना साकार करने के लिए गांव-गांव में स्वराज पहुंचाने के लिए आज इस बजट का जो फोकस है, वह किसान, कृषि और ग्रामीण विकास दर पर है। आज 3 लाख 75 हजार करोउ़ के बजाय 4 लाख 75 हजार करोड़ रूपये की व्यवस्था की गई है, ताकि हमारे किसानों को ऋण उपलब्ध कराया जा सके। आज जो किसान समय पर ऋण देते हैं, उन किसानों के लिए ब्याज की दर मात्र चार प्रतिशत तय की गई है। जो राष्ट्रीय कृषि विकास योजना है, उसके लिए 7,800 करोड़ रूपये का प्रबंध किया गया है। नाबार्ड का कैपिटल पांच हजार करोड़ रूपये किया गया है। यह सब इस सरकार की दूरदृष्टि है, और यह आम आदमी के लिए राहत देने वाली सरकार है।
महोदय, मै सरकार की कुछ उपलब्धियों के बारे में कहना चाहूंगा। जो हमारे संसद सदस्य हैं, जो अपने-अपने लोकसभा क्षेत्र में घूम रहे हैं। अगर आज भारत के गावों में विकास हो रहा है, कही प्रकाश है तो वह केवल केन्द्रीय योजनाओं की वजह से है, जो केंद्र सरकार ने हमारे देश को दे रखी है। आज जो सोशल रिस्पांसिबिलिटी स्कीम्स हैं, चाहे भारत निर्माण हो, सर्व शिक्षा अभियान हो, नरेगा हो, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन हो, इन सबमें बहुत धन आ रहा है। आज हमारी सोशल रिस्पांसिबिलिटी स्कीम्स में बजट का 38 परसेंट खर्च हो रहा है। साढ़े बारह लाख करोड़ के बजट में करीब 38 परसेन्ट हमारे इन क्षेत्रों के विकास के लिए जा रहा है। स्वास्थ्य और शिक्षा पर ज्यादा पैसा दिया जा रहा है। लेकिन हकीकत क्या है, हकीकत यह है कि जो राज्यसरकारें है, मैं आपको अपने अनुभव से बताउंगा कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंउ में जो केनद्रीय योजनाएं है, उनका लाभ जनता तक नहीं पहुंच रहा है। चाहे वह नरेगा हो, राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना आदि हो। हम लोग जब समीक्षा बैठक करते हैं तो देखकर खेद होता है कि राज्य सरकारें सेंट्रल फंड्स का यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट नहीं भेजती हैं, जिसकी वजह से उनहें दूसरी किस्त नहीं मिलती हैं। मै चाहूंगा कि जितनी भी सेंट्रली स्पांसर्ड स्कीम्स हैं, जिसमें जेएनएनयूआरएम भी आता है, उसकी समीक्षा बैठक बुलाने का अधिकार हर सांसद को होना चाहिए। हमने जब उतराखंउ की सरकार को पत्र लिखा कि देहरादून में हो रहे जेएनएनयूआरएम के कार्यक्रमों की मै समीक्षा बैठक करना चाहता हूं तो उन्होंने कहा कि यह प्रावधान नहीं है। इसलिए मैं कहना चाहता हूं कि माननीय प्रधान मंत्री ऐसा प्रावधान करें कि जितनी भी ऐसी केन्द्रीय योजनाएं हैं, उनकी समीक्षा बैठक बुलाने का अधिकार हमारे सांसदो केा होना चाहिए। इसके अलावा जो अनुसूचित जातयां है, उनका जो स्पेशल कम्पोनेनट प्लान का पैसा है, वह आज उत्तराखण्ड में चालीस प्रतिशत भी खर्च नहीं हो रहा है, जो केन्द्र का स्पेशल कम्पोनेन्ट प्लान का पैसा जाता है। हम वित्त मंत्री जी को बधाई देंगे कि उन्होंने एस.सी और एस.टी सब प्लान में 283 करोड़ रूपये का प्रावधान किया है। हमारी आंगनबी में जो कार्यकर्ता काम कर रही है, उसकी देख-रेख में उत्तराखंउ एक स्पेशल स्टेटस है। हम प्रधानमंत्री जी को बधाई देंगे कि उन्होंने 5800 करोड़ रूपये स्पेशल स्टेट्स के लिए रखे है।
महोदय, उत्तराखण्ड के बारे में मैं इसलिए कहना चाहता हूं क्योंकि मैं वही से आता हूं, वह पिछडा क्षेत्र है, वहां 70 प्रतिशत जंगल है। पूरे हिमालय राज्यों के प्रदेश पर्यावरण को बचाने के लिए आज जंगलों की रक्षा कर रहे है, उनका रख-रखाव कर रहे हैं। इसलिए केन्द्र सरकार को पर्वतीय राज्यों को जंगलों के रख-रखाव के लिए कुद स्पेशल सहयोग देना चाहिए। क्योंकि यदि हम सत्तर प्रदेश क्षेत्र में कार्य नहीं कर पायेंगे तो निश्चित तौर पर हमारे उस राज्य का विकास अवरूद्ध होगा। जो पैसा केन्द्र सरकार आज राज्यों को स्पेशल स्टेटस में दे, वहां पर्यटन पर विशेष ध्यान देना चाहिए। उत्तराखण्ड ऐसा राज्य है, जिसमें पर्यटन की अपार संभावनाएं है। हम आपको आमंत्रित करेंगे, आप टिहरी आइये और देखिये कि वहां 70 किलोमीटर लम्बी और हजार फीट गहरी झील है, जिसे वहां की राज्य सरकार ने पर्यटन से जोड़ने का कार्य नहीं किया। इसके फलस्वरूप सारे प्रभावित क्षेत्रों में बेरोजगारी बढ़ रही है और राज्य में बेरोजगारी बढ़ रही है। स्पेशल स्टेटस की जो सेंट्रल गवर्नमेंट से फंडिग होती है
Hindi shorthand dictation audio clip for ssc steno exam 2016
Reviewed by TEAM 1
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January 24, 2017
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