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वस्‍तु एवं सेवा कर

वस्‍तु एवं सेवा कर अर्थात जीएसटी विधेयक भारत का अब तक का सबसे बड़ा कर सुधार विधेयक है। इसका उद्देश्‍य वर्तमान प्रणाली को सरल बनाने तथा देश को एकीकृत बाजार में परिवर्तन करना है आैर यह इस दिशा में मील का पत्‍थर साबित होगा।

भारत में अप्रत्‍यक्ष करों के अधिकारों को लेकर हमेशा केन्‍द्र और व राज्‍यों के बीच टकरार की स्‍थिति बनी रहती है और कई बार ये मामले तो अदालत तक पहुंच जाते है। कई बार एक ही कर राज्‍य तथा केंद्र क्षरा अलग अलग लगा दिया जाता है और इसका भार जनता को सहना पडृता है। 

जीएसटी वस्‍तु और सेवाओं पर केंद्र और राज्‍यों द्वारा लगाए गए विभिन्‍न अप्रत्‍यक्ष करों की जगह एकीकृत व्‍यवस्‍था स्‍थापित करेगा और अप्रत्‍यक्ष कर केवल तीन तरह के रह जायेंगे- केंद्रीय, राज्‍य और एकीकृत जीएसटी।
सर्वप्रथम सन् 2000 में बाजपेयी सरकार ने अप्रत्‍यक्ष करों के सुधार के लिये ''केलकर'' समिति बनवायी। सन् 2004 में केलकर समिति ने अपनी रिर्पोट सरकार को सौपी  और इसमें जीएसटी को अर्थव्‍यवस्‍था के लिये अहम बताय। सन् 2006 में तत्‍कालीन वित्‍तमंत्री पी चिदम्‍बरम ने 2010 से लागू करने का प्रस्‍ताव रखा। 

कुछ राज्‍यों को जीएसटी को लेकर एतराज भी था उनका कहना था कि इससे उनके राजस्‍व में कमी आयेगी। 2014 में जीएसटी 122वं संविधान संशोधन विधेयक के रूप में पेश किया गया। यह लोकसभा में तो पास हो गया लेकिन राज्‍यसभा में अटक गया। इसे राज्‍यसभा ने स्‍थायी समिति के पास भेज दिया। स्‍थायी समिति ने अपनी रिर्पोट सौपी तथा राज्‍य सभा में संविधान संशोधन क रुप में पेश किया गया और पास हुआ। चूकि इसमें कुछ संशोधन हुये थे इसलिये इसे पुन: लोकसभा में पारित किया गया। नये संशोधित विधेयक में राज्‍यों को पांच वर्षें तक नुकसान की आंशिक भरपायी का प्रावधान किया गया है। संभावित विवादों के निपटारे के लिये विधेयक में जीएसटी परिषद का भी प्रावधान है। जीएसटी व्‍यवस्‍था में उन राज्‍यों को अधिक फायदा होगा जहां खपत अधिक होती है जैसे बिहार, बंगाल, ओडिशा आदि लेकिन विनिर्माण वाले राज्‍यों को हानि हो सकती है। जैसे की तमिलनाडु। इसी को ध्‍यान में रखते हुये पेट्रोलियम उत्‍पादों और मादक पेय पदार्थों को अभी फिलहाल जीएसटी से बाहर रखा गया है। 

जीएसटी बिल संसद में पास हाेने के बाद राज्‍यों की कम से कम 15 विधानसभाओं से भी इसे पास होना आवश्‍यक है फिर इसके बाद यह राष्‍ट्रपति के पास भेजा जायेगा। वर्तमान यह विधेयक राष्‍ट्रपति की अनुमति के बाद जीसटी परिषद के पास भेज दिया गया है। जीएसटी में वैट सेल टैक्‍स, परचेज टैक्‍स, मनोरंजन कर, लाटरी टैक्‍स सरचार्ज आदि को एकीकृत किया गया है। 13 वें वित्‍त आयोग की रिर्पोट के अनुसार भारत की जीडीपी में 0.90 से 1.70प्रतिशत तक वृद्धि होने की संभावना है। इससे कृषि उत्‍पादों की कीमतों में 0.61 से 1.18 प्रतिशत तक बढ़ने की संभावना है

धन्‍यवाद


वस्‍तु एवं सेवा कर वस्‍तु एवं सेवा कर Reviewed by TEAM 1 on September 16, 2016 Rating: 5

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