प्रथम संविधान संशोधन (1951)- इस संशोधन को ''रोमेश थापर बनाम स्टेट आफ मद्रास '' एस सी मामलों में उच्चतम न्यायलय के विनिश्चय से उत्पन्न कठिनाइयों को दूर करने के लिये पारित किया गया।
इस संविधान संशोधन द्वारा '9वी अनुसूची' जोड़ी गयी।
छठा संविधान संशोधन (1956)- इस संशोधन द्वाारा संविधान की सातवी अनूसूची के संघ सूची मे प्रवतष्ट-92 (क) जोड़कर केंद्रसरकार को ''अन्तर्राज्यीय क्रय-विक्रय '' पर कर लगाने की शक्ति प्रदान की गयी।
नौवा संविधान संशोधन (1960)- यह संशोधन उच्चतम न्यायालय द्वारा ''बेरुबारी'' के मामले में किया गया था। उक्त मामले में न्यायालय ने यह अभिनिर्धारित किया था कि भारत-भूमि को किसी स्वदेशी राज्य के अध्यर्पण के लिए संविधान में संशोधन करना आवश्यक है, अत:प्रथम अनुसूची में परिर्विन करके ''बेरुबारी, खुलना, '' आदि क्षेत्राें को पाकिस्तान को दे दिया गया।
दसवा संविधान संशोधन(1961)- इस संशोधन के अर्न्तगत भूतपूर्व पुर्तगाली क्षेत्रों ''दादरा एव नगर हवेली'' को भारत में शामिल कर केंद्रशासित प्रदेश का दर्जा प्रदान किया गया।
बारहवा संविधान संशोधन(1962)- इस संविधान संशोधन के द्वारा संविधान की प्रथम अनुसूची में संशोधन करके ''गोवा, दमन एवं दीव'' को भारत के संघ शासित प्रदेश के रुप में शामिल कर लिया गया।
तेरहवा सविंधान संशोधन (1962)- इस संविधान संशेाधन द्वारा संविधान में अनु० 371(क) जोडा गया तथा ''नागालैण्ड'' विशेष प्रावधान करके उसे एक राज्य का दर्जा दिया गया।
चौदहवा संविधान संशोधन (1963)- इसके द्वारा पांडिचेरी को केंद्रशासित प्रदेश के रुप में प्रथम अनुसूची में शामिल किया गया।और अनु०239क जोड़कर संघ शासित प्रदेशों में विधान मण्डल और मंत्रिप्ररिषद बनाने का संसद को अधिकार दे दिया गया।
इक्कीसवा संविधान संशोधनश(1967) इसके तहत सिंधी भाषा को संविधान की आठवी अनुसूची में पंद्रहवी भाषा के रुप में शामिल कर लिया गया।
बाइसवा संविधान संशोधन(1969) इसके तहत असोम से अलग करके एक नया राज्य ''मघालय'' बनाया गया।
सत्ताइसवा संविधान संशोधन(1971) इसके अर्न्तगत ''मिजोरम एव अरुणाचल प्रदेश'' को संघशासत प्रदेशों के रुप में शामिल किया गया।
अट्ठाइसवां संविधान संशोधनश्1972)- इस संशोधन द्वारा भारतीय सिविल सर्विस (आई सी एस ) अधिकारियों को प्राप्त विशेषअधिकार समाप्त कर दिये गये। अनु०312ए को जोड लिया गया तथा 314 को निरस्त कर दिया गया।
इक्तीसवा संविधान संशोधन (1974) इसके तहत संविधान के अनु० 81 में सेशोधन करके लोकसभा के सदस्यों की संख्या को 525 से बढ़ाकर 545 कर दी गयी।
पैतीसवा संविधान संशोधन(1974) इस संविधान संशोधन के द्वारा सिक्किम को संरक्षित राजय का दर्जा समाप्त करउसे ''सह राज्य'' का दर्जा प्रदान कर दिया गया
छत्तीसवॉं संविधान संशोधन (1975) इस के द्वारा सिक्किम को पूर्ण राज्य का दर्जा प्रदान किया गया तथा भारत के २२वे राज्य के रुप में प्रथम अनुसूची में शामिल कियागया।
अगले अंक इसके आगे के प्रमुख संशोधनो के बारे में पढ़ेगें---------
stay with us & take care
इस संविधान संशोधन द्वारा '9वी अनुसूची' जोड़ी गयी।
छठा संविधान संशोधन (1956)- इस संशोधन द्वाारा संविधान की सातवी अनूसूची के संघ सूची मे प्रवतष्ट-92 (क) जोड़कर केंद्रसरकार को ''अन्तर्राज्यीय क्रय-विक्रय '' पर कर लगाने की शक्ति प्रदान की गयी।
नौवा संविधान संशोधन (1960)- यह संशोधन उच्चतम न्यायालय द्वारा ''बेरुबारी'' के मामले में किया गया था। उक्त मामले में न्यायालय ने यह अभिनिर्धारित किया था कि भारत-भूमि को किसी स्वदेशी राज्य के अध्यर्पण के लिए संविधान में संशोधन करना आवश्यक है, अत:प्रथम अनुसूची में परिर्विन करके ''बेरुबारी, खुलना, '' आदि क्षेत्राें को पाकिस्तान को दे दिया गया।
दसवा संविधान संशोधन(1961)- इस संशोधन के अर्न्तगत भूतपूर्व पुर्तगाली क्षेत्रों ''दादरा एव नगर हवेली'' को भारत में शामिल कर केंद्रशासित प्रदेश का दर्जा प्रदान किया गया।
बारहवा संविधान संशोधन(1962)- इस संविधान संशोधन के द्वारा संविधान की प्रथम अनुसूची में संशोधन करके ''गोवा, दमन एवं दीव'' को भारत के संघ शासित प्रदेश के रुप में शामिल कर लिया गया।
तेरहवा सविंधान संशोधन (1962)- इस संविधान संशेाधन द्वारा संविधान में अनु० 371(क) जोडा गया तथा ''नागालैण्ड'' विशेष प्रावधान करके उसे एक राज्य का दर्जा दिया गया।
चौदहवा संविधान संशोधन (1963)- इसके द्वारा पांडिचेरी को केंद्रशासित प्रदेश के रुप में प्रथम अनुसूची में शामिल किया गया।और अनु०239क जोड़कर संघ शासित प्रदेशों में विधान मण्डल और मंत्रिप्ररिषद बनाने का संसद को अधिकार दे दिया गया।
इक्कीसवा संविधान संशोधनश(1967) इसके तहत सिंधी भाषा को संविधान की आठवी अनुसूची में पंद्रहवी भाषा के रुप में शामिल कर लिया गया।
बाइसवा संविधान संशोधन(1969) इसके तहत असोम से अलग करके एक नया राज्य ''मघालय'' बनाया गया।
सत्ताइसवा संविधान संशोधन(1971) इसके अर्न्तगत ''मिजोरम एव अरुणाचल प्रदेश'' को संघशासत प्रदेशों के रुप में शामिल किया गया।
अट्ठाइसवां संविधान संशोधनश्1972)- इस संशोधन द्वारा भारतीय सिविल सर्विस (आई सी एस ) अधिकारियों को प्राप्त विशेषअधिकार समाप्त कर दिये गये। अनु०312ए को जोड लिया गया तथा 314 को निरस्त कर दिया गया।
इक्तीसवा संविधान संशोधन (1974) इसके तहत संविधान के अनु० 81 में सेशोधन करके लोकसभा के सदस्यों की संख्या को 525 से बढ़ाकर 545 कर दी गयी।
पैतीसवा संविधान संशोधन(1974) इस संविधान संशोधन के द्वारा सिक्किम को संरक्षित राजय का दर्जा समाप्त करउसे ''सह राज्य'' का दर्जा प्रदान कर दिया गया
छत्तीसवॉं संविधान संशोधन (1975) इस के द्वारा सिक्किम को पूर्ण राज्य का दर्जा प्रदान किया गया तथा भारत के २२वे राज्य के रुप में प्रथम अनुसूची में शामिल कियागया।
अगले अंक इसके आगे के प्रमुख संशोधनो के बारे में पढ़ेगें---------
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IMPORTANT AMENDMET OF THE CONSTITUTION PART-1 [SSC,PCS,RAILWAY,B.ED.]
Reviewed by TEAM 1
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April 07, 2015
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