1-विद्युत धारा के चुम्बकीय प्रभाव की खोज "ओर्स्टेड" ने 1812 ईश्वी में की।
2- ध्रुवो के पास चुम्बकत्व सर्वाधिक व मध्य में कम होता है। चुम्बक के ठीक मध्य में चुम्बकत्व नहीं होता है । इसे उदासीन बिंदु कहते है।
3-चुम्बक के दोनों ध्रुवो को मिलाने वाली रेखा को चुम्बकीय अक्ष कहते है।
4- चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता चुम्बक से दुरी के व्युत्क्रमानुपाती होती है। यह एक "सदिश" राशि है। इसका मात्रक न्यूटन/एम्पियर*मीटर व वेबर/मीटर^2
होता है
इसका सी जी एस मात्रक "गॉस" तथा एस आई मात्रक "टेस्ला" है।
1 गॉस = 10^-4 टेस्ला
5-विद्युत चुम्बक प्रायः नरम लोहे का बना होता है।
6-टेप रिकॉर्डर की टेप फेरोमेग्नेटिक चूर्ण से लेपित रहती है
7-दिकपत कोण- चुम्बकीय याम्योत्तर व भौगोलिक याम्योत्तर के बीच के कोण को को दिकपत कोण कहते है।
8-नमन कोण- पृथ्वी के भौगोलिक ध्रुवो पर नमन कोण 90° तथा विषुवत रेखा पर 0° होता है।
9-चुम्बकशीलता को म्यू से प्रदर्शित करते है निर्वात में इसका मान 4π*10^-7 न्युटन/एम्पियर^2 या हेनरी/मीटर होता है।
10-अनुचुम्बकीय पदार्थ- वे पदार्थ जो बाह्य चुम्बकीय क्षेत्र में रखे जाने पर क्षेत्र की दिशा में क्षीण चुम्बकत्व प्राप्त कर लेते है।अनुचुम्बकीय पदार्थ कहलाते है।
जैसे-प्लेटिनम, अल्युमिनियम, सोडियम, क्रोमियम, मैगनीज आदि।
यह गुण प्रायः उन परमाणुओ में पाया जाता है जिनमे इलेक्ट्रान की संख्या विषम होती है।
11-लौह चुम्बकीय पदार्थ- वे पदार्थ जो चुम्बकों द्वारा आकर्षित भी किये जाते है व उन्हें चुम्बकित भी किया जाता है। इनकी प्रवत्ति धनात्मक होती है।
जैसे- लोहा, कोबोल्ट, निकिल, आदि।
13-प्रति चुम्बकीय पदार्थ- वे पदार्थ जो बाह्य चुम्बकीय क्षेत्र में रखे जाने पर क्षेत्र के विपरीत दिशा में क्षीण चुम्बकत्व प्राप्त कर लेते है।
जैसे; बिस्मथ, लेड, जल, हवा, अल्कोहल, सोना, जस्ता, ताम्बा, न्यूट्रोज़न, हायड्रोजन।
ऐसे पदार्थो के परमाणु में इलेक्ट्रान की संख्या सम होती है।
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To be continued
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