LIVING OR METABOLICALLY AACTIVE CELL ORGANELES(सजीव या उपापचय के लिए कोशिकांग) कोशिका विज्ञान पार्ट-3
माइट्रोकॉंण्ड्रियॉं:-
प्रोटीन-65.70%
फास्फोलिपिड-2.5%
R.N.A.-0.5%
D.N.A.-कुछ मात्रा
अन्त:प्रदव्यीजालिका:-
- सर्वप्रथम कोलिकर ने इसकी खोज की।
- बेंडा ने इन रचनाओं को माइट्रोकॉंण्ड्रिया नाम दिया।
- माइट्रोंकाण्ड्रिया जीवाणु, नीले-हरे शैवालों को छोड़कर सभी पौधो तथा जंतुओं की समस्त कोशिकाओं में पाये जाते है।
प्रोटीन-65.70%
फास्फोलिपिड-2.5%
R.N.A.-0.5%
D.N.A.-कुछ मात्रा
- आक्सीकरण की केब्स चक्र प्रक्रिया माइट्रोकॉंण्ड्रियॉा में मैट्रिक्स में सम्पन्न होती है।
- माइट्रोकॉंण्ड्रिया को कोशिका का पावर हाउस कहते है क्योंकि यहां पर सभी खाद्य पदार्थो का आक्सीकरण होता है जिनसे ऊर्जा प्राप्त होती है।
- यह ऊर्जा ऐडिनोसीन ट्राइफास्फैट के रुप मे रहती है।
गाल्जीकाय:-
- इसकी खोज सर्वप्रथम 1898 में सर्वप्रथम कैमिलो गॉल्जी ने किया।
- गाल्जीकाय को लाइपोकॉंड्रिया भी कहते है।
- यह जीवाणु नीले हरे शैवाल एवं माइक्रोप्लाजमा को छोडकर अन्य सभी जीवधारियों के कोशिकाओं में मिलती है।
- पौधो में गाल्जीकाय केा ''डिक्टियोसोम'' कहते है।
- विभिन्न पदार्थों (मुख्यत: एन्जाइम) का स्त्रावण करना गॉल्जीकाय क प्रमुख कार्य है।
- यह कोशिका का सबसे बडा कोशिकाांग है।
- इसे ट्रैफिक पुलिस की संज्ञा दी गई है।
अन्त:प्रदव्यीजालिका:-
- इसकी खोज आर पोर्टर ने 1945 में की।
- यह स्तनधारियों की आरबीसी में नहीं पायी जाती ।
- यह कोूशिका में कंकाल कि भाति कार्य करता है तथा इसे यांत्रिक शक्ति प्रदान करता है।
- यह कोशिका भित्ति एवं कोशिका विभाजन के बाद केंद्रक आवरण का निर्माण का कार्य करता है।
- इसकी खोज सर्वप्रथम पैलाडे नामक वैज्ञानिक ने1955 में किया।
- ये आरएनए तथा प्रोटीन्स के बने होते है।
- 70एस राइबोसेाम- से माइट्राेकाण्ड्रिया क्लोरोप्लास्ट एवं बैक्टीरिया में पाये जाते है।
- 80एस राइबोसेेाम- विकसित पौधो एवं जन्तुओं में पाये जाते है
- राइबोसोम का मुख्य: कार्य अमीनो अम्ल के द्वारा प्रोटीन संश्लेषण में सहायता करना है।
- प्रोटीन संश्लेषण के समय पॉलीराइबोसोम का निर्माण होता है
- तारकाय एक गोलाकार रचना है जो केंद्रक की बाहरी सतह पर है जो केंद्रक की बाहरी सतह पर लगभग मध्य में स्थित है। वह मुख्य रुप से जन्तु कोशिकाओं मे तथा कुछ पादप कोशिकाओं जैसे शैवाल तथा कवक में पाया जाता है।
- खोज डी डुवे ने की। इसके लिए इन्हें 1974 में नोबेल पुरुस्कार मिला।
- इनका निर्माण गाल्जीकाय अथवा अंत:प्रदव्यी जालिका से होता है।
- लाइसोसोम को आत्महत्या की थैलिया कहते है।
- लाइसोसोम का मूख्य कार्य कोशिका मे विभिन्न पदार्थो का पाचन करता है।
- पुरानी रक्त कोशिकायें नष्ट हो जाती है- लाइसोसोम के कारण
LIVING OR METABOLICALLY AACTIVE CELL ORGANELES(सजीव या उपापचय के लिए कोशिकांग) कोशिका विज्ञान पार्ट-3
Reviewed by TEAM 1
on
March 16, 2015
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