पृथ्वी की आंतरिक सरंचना
पृथ्वी की आंतरिक भाग को तीन भागों में बाटा गया है।
समस्त पृथ्वी पर पाये जाने वाले तत्वों की प्रतिशत मात्रा-
लोहा- 35.5%
आक्सीजन- 30 %
सिलिकन- 15 %
मैग्नीशियम- 13 %
निकिल- 2.4 %
गंधक- 1.9 %
क्रस्ट(भूपर्पटी) मे पाये जाने वाले तत्वों की प्रतिशत मात्रा-
आक्सीजन- 46 %
सिलिकन- 27.7%
एलुमिनियम- 8.7 %
लोहा - 5 %
कैल्शियम- 3.6 %
पोटेशियम- 2.4%
पृथ्वी की आंतरिक भाग को तीन भागों में बाटा गया है।
- सबसे गहरी वाली परत को क्रोड कहते है यह सबसे अधिक घनत्व वाली परत होती है। इसका घनत्व 11.0 से भी अधिक होता है। यह लोहा और निकिल धातु से मिलकर बनी होती है इसलिये इसे ''निफे'' कहते है। इसे दो भागों में बाट देते है- (1) आंतरिक क्रोड- यह ठोस होती है।
- दूसरी परत को मेण्टल कहते है यह क्रोड को घेरे रहती है। इसमें मैगनीशियम और सिलिका की प्रधानता रहती है इसलिए ''सिमा'' भी कहते है। इसका घनत्व 3.1-5.1 होता है।
- भूपर्पटी पृथ्वी की ऊपरी परत होती है इसे क्रस्ट भी कहते है इसमें सिलिका तथा एलमुनियम की प्रधानता रहती है। इसलिये इसे सियाल भी कहते है।
समस्त पृथ्वी पर पाये जाने वाले तत्वों की प्रतिशत मात्रा-
लोहा- 35.5%
आक्सीजन- 30 %
सिलिकन- 15 %
मैग्नीशियम- 13 %
निकिल- 2.4 %
गंधक- 1.9 %
क्रस्ट(भूपर्पटी) मे पाये जाने वाले तत्वों की प्रतिशत मात्रा-
आक्सीजन- 46 %
सिलिकन- 27.7%
एलुमिनियम- 8.7 %
लोहा - 5 %
कैल्शियम- 3.6 %
पोटेशियम- 2.4%
- गहराई के साथ तापमान में भी तेजी से वृद्धि होती है। इसलिये संसार में खनन केवल 5 किलोमीटर से भी कम गहराई तक सीमित है।
- पृथ्वी के केद्र का तापमान 4000-5000 सेंटीग्रेड के बीच होता है।
INTERNAL STRUCTURE OF EARTH
Reviewed by TEAM 1
on
April 13, 2015
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